साई ने पाखी की इस हरकत के बाद अपने बच्चे के लिए लिया बड़ा फैसला ||ghum hai kisi ke pyar mein 8july 2022written update in hindi
साई को पाखी की साडी चाल का पता हो गया मगर अब साई कुछ कर नहीं सकती और उसने लिए है बड़ा फैसला जानिए क्या है वो अगर आपको ये जानकारी चाहिए तो आप हमरा ये आर्टिकल पढ़ सकते है
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ग़ुम है की कहानी काफी अजीब हो गई है और देखा जाए तो सभी सीरियल में हमेशा यही होता है कोख किसी की बच्चा किसी का पत्नी कोई पति किसी और का और मंडप किसी का शादी किसी की ये सीरियल की दुनिया है क्या कहे जनाब जो चाहे राइटर कुछ भी लिखते है ऐसा ही
सीरियल गुम की स्टोरी में हुए है पाखी की कोख में साई का बच्चा आ गया मगर साई को शक है की बल्कि यक़ीन है की गीता को पाखी ने ही नहीं आने दिया अब साई ये साबित करना चाहती है मगर पाखी गीता और योगेश को झूट बोलकर और झूटी हमदर्दी दिखा कर माना लेती है और जब साई सब ke सामने पूछती है गीता और योगेश पाखी को पहचानने से इंकार कर देते है और साई हैरान होती है aur. कहती है की ज़रा सही से देखो मगर योगेश भी माना कर देता है फिर विराट कहता है थैंक्यू अब आप जा सकते है
और वो चले जाते है और साई गुसे में ख ड़ी रहती है और पाखी रोने का नाटक करती है और कहती है की मुझे esa. लग रहा है की मेने बहुत बड़ा गुनाह कर दिया है ये पर्किर्या करके विराट कहता है तुम ने कोई पाप नहीं किया बल्कि पुनिये किया है और तुम्हे इसके लिए खुद पर गर्व महसूस करना चाहिए
भवानी कहती है की में पाखी को लेकर जा रही हु और में नहीं चाहती की कोई भी पाखी को परेशां कारे और इस घर ke चिराग पर कोई मुश्किल आय
और फिर सब घर आते हे सब से पहले साई आती है और अश्वनी साई ke सर पर पट्टी देखकर घबरा जाती है और कहती है क्या हुए
और पीछे से भवानी पाखी को लती है और कहती है आराम से और वो पाखी को ले जा कर सोफे पर बैठती है और विराट भी आ जाता है और अश्ववनी कहती है साई क्या हुए बोलती क्यों नहीं विराट कहता है साई का एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया है और कुछ नहीं अब ठीक है
भवानी कहती है की अश्वनी पूछेगी नहीं की पर्किर्या केसी रही और क्या हुए तब अश्वनी कहती है की आप खुश है तो सब ठीक ही रहा होगा मगर साई ठीक नहीं लग रही है देवी भी साई ke लिए परेशां होती है
भवानी कहती है की है parkiya बिलकुल सही हुए है सोनाली कहती है की पत्रलेखा को क्या हुए तब भवानी कहती है कुछ नहीं बस मो महीनो तक हमें पत्रलेखा का ख्याल ऐसे ही रखना है करिश्मा कहती है नौमहीने मतलब साई भाभी और विराट दादा ke बच्चे को पत्रलेखा भाभी ने कोख दी है भवानी कहती है है बिलकुल सही ताकि हमें हमारे घर का चिराग मिल सके और अश्वनी कहती है पत्रलेखा वो तो गीता विराट कहता है की अभी इसके बारे me बात नहीं करती है अश्वनी कहती है साई तुम कुछ तो बोलो साई कहती है में कुछ बोलूगी तो कुछ लोगो को bura.लग जायगा खासकर काकू मानसी ये सुनकर कहती है की अगर सब की यही मर्ज़ी है तो में क्या का सकतीहु मगर ये गलत है
और वो वह से चली जाती है
और नीनाद कहता है की सच कहु तो तसल्ली भी है की हमारे घर का वारिस इसी घर में है ना की किसी और की कोख में और ओमी भी कहता है और क्या हमारे घर ke सदस्य से अच्छा और क्या हो सकता है और भवानी कहती है की अब हमें इसका पूरा धियान रखना होगा की ये कोई काम ना कारे और अगर मुझे या सोनाली को भी काम करना पड़ा तो हम करेंगे
इधर साई बैठी होती हे और विराट साई ke लिए हल्दी का दूध लता है और साई को समझाने कोशिश करता है की हम यही तो चाहते थे अब हम जल्द आई बाबा बान जायगे और तुम ये क्यों नहीं सोच रही हो
साई कहती है आपको पता है एक औरत की ज़िन्दगी में सबसे खास पल कोनसे होते है
सब से खास पल जब शादी होती है मेरे उस खास पल में जानते है कौन था मेरे और आपके बिच पाखी दूसरा खास पल होता है जब वो माँ बनती है
मेरे उस खास पल में कौन है पाखी मुझे तो समझ ही नहीं आए रहा की में अपना गुस्सा कैसे शांत करू
साई वह से चली जाती है और विराट सोचता है की आज तो hame खुश होना था सुबह भी हम खुश थे और अब हम एक दूसरे से झगड़ रहे है क्यों हमारी खुशियों को नज़र लग जाती है
साई गार्डन में बैठी होती है अश्वनी आती है और उसको अपने गले लगाती है और कहती है में तुम्हारी आई हु में तुम्हारा दर्द समझती हु तुम अपना दुःख मुझसे बाठ सकती हो कहते है दुःख बाटने से काम हो जाता है में जानती हु की अस्पताल में कुछ हुए है बताओ क्या हुए नहीं आई मेरे माना करने पर भी अशवनी समझती है की जो हो गया क्या तुम उसको बदल सकती हो क्या कुछ ऐसा हो सकता है की सब बदल जाए नहीं ना फिर तुमने तो बहुत कोशिश की ke पाखी की कोख में तुम्हारा बच्चा ना पले मगर यही हुए शायद बाप्पा को यही मंज़ूर था अब जो बदल नहीं सकता उसको सुविकर कर लो की अब पत्रलेखा ही तुम्हारे बच्चे को जन्म देगी और अगर कुछ गलत हुए है तो भगवान उसकी सजा ज़रूर देगा
साई अगर पत्रलेखा की बददुआ तुम्हारी कोख ले सकती है तो तुम्हारी गुसा तुम्हारे बच्चे को भी साई अश्वनी की मुँह पे हाथ रख देती है अश्वनी कहती की जो हम बदल सकते है उसको बदलने की और जो हम नहीं बदल सकते उसको सवीकार करने की भगवन हमें शक्ति दी तुमने बहुत हिम्मत दिखाई है अब समझ दरी दिखाओ
तभी अश्वनी देखती है की विराट आ गया और वो चली जाती हे और विराट आता है और कुछ कहना चाहता है मगर पलट जाता है तो साई कहती गई कुछ कहे बिना ही चले जायगे
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पाखी और बाक़ी सब हॉल में बैठे होते हे और पाखी कहती है की अशवनी मामी अब तो आप भी मेरी परवाह करने लगी है मगर जिस का अंश मेरी कोख में पल रहा है वो तो ऐसा फील कराती है जैसे मेने कोई बहुत बड़ा पाप कर दिया है तभी साई आती है और पाखी ke सामने खड़ी हो जाती है भवानी कहती है की तू पत्रलेखा को घूर क्यों रही हे
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